भैरवी साधना:-
भैरवी साधना एक उचकोटी का साधना है।सस्त्र मे 64 भैरवी का उलेख मिलता है।हर भैरवी आलग आलग सक्ति का आधिकारी है।साधक आगर भैरवी का साधना करता है तो जिवन मेँ वह हर तारफ सफलता का डंका वाजाता है।मेरा मानोँ तो भैरवी साधना से बाढकार कोई और साधना नही है। दुनिया मेँ जिधार भी देखोँ भैरव के साथ एक भैरवी होति है।आपनी माता पिता को देखो।भैरव का जिवन तब तक पुर्ण नही है जब तक एक भैरवी उसकि साथ ना हो। एक बार मेँ चाय के दुकान मेँ मेरे मित्र के साथ चाय पि राहा था।बात करते करते मिरा मित्र मुझकोँ बोला तंत्रकिक आज हम फलना के घर चालते है, मेने बोल कियु बो बोला यार चाल तो हम दोनो मेरे दोस्त का दोस्त के घर कुछ समय बाद चाले गाये।कुछ दिन बाद मे फिर से बह चाय के दिकान मे चाय पिने गया तो एक आंजान लडका मिला बह मुझ से बात करते करते बोला किया आपके पास दस मिनिँट है कुछ बात करना था।मेने बोला है ,किया बात है बोलो ,बो बोला मांदिर चालते है बाहा बात करते है .मेने हा बोला चालो।मिरा और उसका चाय का पैसा वो लडका चाय बाला को चुकुता किया।मांदिर मेँ एक पेड के नेचे दोनो बेठ गाये और मेने बोला आब बोलो किया बात है।बह बोला मे उसदिन आप दोनो का बाते सुन राहा था किया आप जादु जानते है।मेने बोला लागभाग थडा बहुत।उसके बाद उसने आपना दु:ख भारे दास्तान सुनाया और बोला किया आप मुझको ईससे मुक्ति दे साकते है, मेने बोला ना फिर भी तुम चाह तो एक तारिका मेरे पास है, किया तुम कर साकते हो ।वो बोला कुछ भी करुगा आप बाताए किया करना है।मेने सिद्ध भैरबी का मंत्र दिया और बोला केसे करना है। कुछ दिन के बाद बो लडका को नौकरी मिल गया ईसके साथ छोटि वाहेन और छोटा भाई को भी नौकरी बैँक मेँ मिला।आज उनके पास एक आलिशान घर है कार दोलोत सब है। जाब वो लडका मुझसे मिलता है बो रो पाडता है और बोलता है आप मेरे जिंदेगी बादल दिया, मे बोलता हु ए तुमहरा मेहनत का नातिजा है।आज वो तिनो बिवाह कर चुके हे और तोनो के दो दो बाच्चे भी है। सिद्ध भैरवी साधना ए आसान साधना है।कोई भी आराम से कर साकता है।विधि-सिद्ध भैरवी यंत्र।सिद्ध भैरवी मुद्रिका।सिद्ध भैरवी माला।गाले मे रुद्राक्ष माला धारण करना है।शुक्रवार से साधना आरंभ करना है।साफेद कपडा परिधान कर के यंत्र को धुप, दिप, फुल,संदुर और अक्षत से पुजा करना है। सफेद आसान मे वैठ कर दक्षिण दिशा मे मुख कर मंत्र को 21 माला जाप करे। मंत्र-ॐ हुं फट वज्र सिद्ध भैरवी आलकिक आलकिक सक्ति सक्ति सिद्धि सिद्धि प्रविश प्रविश हु फट। यह मंत्र कुछ ही समय मे आसार दिखाना सुरु कर देता है।माथे मे दर्द होता है।यह ईसलिय होता है, आज्ञाचक्र जागुत होना प्रथम दिन से आरंभ हो जाता है। आप पायगे कुछ दिन मे आपका हर काम ठिक होता जाएगा। जो पाने का कामना हो वह सपना शाच होने लागगे। माला को कामना पुरी होने पर नदि पर विर्शजित कर दे या फिर देवि भैरवी के दर्शन देने तक रख ले।जाप प्रतिदिन करते राहे।य मेरा रचना मंत्र है ईस मंत्र का गुरु मे हु।ए सिद्ध मंत्र है। दुसरा विधि- विना माला के सिर्फ एक घंटा जाप करते राहे और ईसका दिव्यता देखे।
राज गुरु जी
महाविद्या आश्रम
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