Saturday, September 9, 2023

प्रेम लव मैरिज अरेंज मैरिज कोर्ट मैरिज या वैवाहिक सुख या शादी सुख प्राप्ति के लिए ओपल धारण करें ...


 


प्रेम लव मैरिज अरेंज मैरिज कोर्ट मैरिज या वैवाहिक सुख या शादी सुख प्राप्ति के लिए ओपल धारण करें ...


सौंदर्य प्रसाधनों से जुड़ा व्यापार या व्यवसाय कर रहें व्यक्तियों को ओपल रत्न धारण करने से लाभ बेहतर होते हैं।


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दूध और दूध से बनी वस्तुओं जैसे- डेयरी उत्पादों, मिठाई और इसी प्रकार के व्यवसायों में कार्यरत व्यक्तियों को ओपल रत्न धारण करने से लाभ होता हैं।


प्रेम संबंधों में सफलता पाने के लिए भी ओपल रत्न धारण किया जाता हैं।


कला जगत, कलात्मक कॄतियों के निर्माता, रचनात्मक विषयों से जुड़े व्यक्तियों का रत्न धारण करना शुभ और अनुकूल फलदायक साबित होता हैं।


चिकित्सा क्षेत्र में ओपल का उपयोग हार्मोनल स्त्राव को संतुलित करने के लिए किया जाता हैं।


यह माना जाता है कि यह रत्न अपने धारक की भावनाओं को दर्शाता हैं। इसमें किसी भी प्रकार का कोई असंतुलन होने पर यह भावनाओं को संतुलित करने का कार्य भी करता हैं।


सबसे अच्छी बात यह है कि ओपल रत्न को वफादारी, सच्चाई और सहजता का प्रतीक रत्न हैं। मन की चंचलता में स्थिरता लाने का कार्य यह करता हैं।


अपनी मनमोहक छ्टा से यह व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति को बेहतर करता हैं और जीवन में शांति लाता हैं।

नेत्र चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता हैं।


दांपत्य जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या चल रही हों तो ओपल रत्न धारण करने से वैवाहिक जीवन के सु्खों में बढ़ोतरी होती हैं।


ओपल रत्न शुक्र का उपरत्न होने के कारण इसे प्रेम, स्नेह और विपरीत लिंग संबंधों को मजबूत करने के लिए धारण किया जाता हैं।


धन की देवी लक्ष्मी जी की शुभता प्राप्ति के लिए भी ओपल रत्न को धारण किया जा सकता हैं।

यह रत्न अपने धारक को सुख-शांति और सहजता देता हैं।


यदि कुंडली में शुक्र रत्न बलवान हों, शुभ भावों का स्वामी होकर, शुभ भाव में स्थित हों तो यह रत्न धारण करना धारक को स्वास्थ्य, संतान और भाग्य सभी कुछ दे सकता हैं।


ओपल रत्न वॄषभ राशि वृषभ लग्न, तुला राशि तुला लग्न और मिथुन लग्न, कन्या लग्न, मकर लग्न और कुम्भ लग्न वालों को विशेष रुप से ओपल रत्न धारण करना चाहिए। कुम्भ लग्न और कन्या लग्न वालों के लिए तो यह भाग्य रत्न होता हैं।


ओपल रत्न कैसे धारण करें / ओपल रत्न धारण विधि

ओपल रत्न को स्वर्ण धातु शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए।


 स्वर्ण धातु लेना संभव न हों तो चांदी या वाईट गोल्ड् में भी इस रत्न को धारण किया जा सकता हैं। यह रत्न अनामिका अंगूली में धारण करना चाहिए। 


धारण और अंगूठी में रत्न धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार का प्रयोग करना चाहिए।


और अधिक जानकारी या कुंडली परामर्श या रत्न परामर्श से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या समस्याओं का समाधान निराकरण उपाय विधि प्रयोग या ओरिजिनल रत्न के लिए संपर्क करें ..


 


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