आर्थिक स्थिति में परेशानी के लिये रोजगार एवं आमदनी से संबंधित योग देखा जाता है ...
इस कुंडली में दशम भाव का स्वामी चंद्रमा लग्न में विराजमान है एवं दशम भाव में गुरु उच्च राशि में विराजमान है।
https://youtube.com/channel/UCWF8VKQJ_vL4K0-WKrGk-BA
जो अपने मेहनत और परिश्रम के माध्यम से रोजगार में सफलता प्राप्त करने का योग बना रहे हैं और आयेश सूर्य की भी दृष्टि दशम भाव पर है । रोजगार एवं आमदनी का अच्छा योग है ।
परंतु दशम भाव पर शनि की दृष्टि है कर्क राशि में शनि की दृष्टि कभी भी अच्छा फल नहीं देती है चाहे कारक ही क्यों ना हो और लग्न में दशम भाव का स्वामी चंद्रमा पर भी शनि की दृष्टि है ।
दशम भाव में केतु विराजमान है और राहु की दृष्टि है, इस प्रकार राहु केतु शनि दशम भाव में समस्या उत्पन्न कर रहे हैं और शनि दशमेश को पीड़ित कर वहां भी परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं, ऐसे में रोजगार से संबंधित समस्या होना आवश्यक है
आमदनी भाव के स्वामी सूर्य चतुर्थ भाव में राहु शनि के साथ विराजमान हैं और ग्रहण योग बना रहे हैं ऐसे में आमदनी अच्छी नहीं होगी ग्रहों के अंश बल के अनुसार भी सूर्य कमजोर हैं आय भाव पर किसी दूसरे ग्रह की दृष्टि नहीं है जो सहयोग करें, आमदनी सही नहीं होगी ।
द्वितीय भाव का स्वामी मंगल सप्तम भाव का भी स्वामी है इसके माध्यम से स्वयं के व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है धन का संग्रह होता है, परंतु यह भी अष्टम भाव में विराजमान है. एवं उस पर राहु की दृष्टि है
अर्थात स्वयं के व्यवसाय करेंगे उस पर भी कठिनाई होगी पार्टनरशिप के साथ व्यवसाय करेंगे उसको भी परेशानी होगी धन का संग्रह सही प्रकार से नहीं हो पाएगा. कुटुम्ब के सुख में भी मतभेद रहेगा ।
उपाय . सबसे पहले चंद्रमा और सूर्य जो पीड़ित है और ग्रह बल के अनुसार बिल्कुल कमजोर हैं इन्हें मंत्र जाप के माध्यम से या किसी भी विधि से प्रबल करना ।
राहु केतु शनि जो सूर्य गुरु चंद्रमा मंगल को पीड़ित कर रहे हैं इनसे संबंधित दान तथा उपाय लगातार करें शनि सबसे कारक है परंतु यहां परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं और दान करने से कोई भी ग्रह कमजोर नहीं होता है बल्कि उसके दोष में कमी आती है ।
सबसे मुख्य बात ऐसी योग वाले व्यक्ति को ग्रहों के उपाय के साथ लक्ष्मी साधना विशेष रूप से करना चाहिए । यदि ऐसी कुंडली में योग हो तो बचपन से हैं लक्ष्मी साधना प्रारंभ कर देना चाहिए ।
ज्योतिष एवं साधना दोनों एक दूसरे के पूरक हैं यदि इन दोनों का सहयोग लिया जाए तो हम अपने परेशानी को जल्द से जल्द ठीक कर सकते हैं ।
सूर्य चंद्रमा एवं गुरु का बहुत ज्यादा महत्व है । इसके बारे में विस्तार से लेख लिख चुका हूँ यदि किसी की कुंडली में यह तीनों ग्रह एक साथ पीड़ित हो जाए तो इसके ऊपर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी रहता है और इस कुंडली में तीनों ही पीड़ित है ।
यदि ये एक साथ पीड़ित हो जाए तो कुंडली में अच्छे अच्छे योग रहने के बाद भी जीवन में कभी कभी बहुत ज्यादा परेशानी हो जाती है ।
और अधिक जानकारी समाधान उपाय विधि प्रयोग या ओरिजिनल रत्न की जानकारी या रत्न प्राप्ति के लिए या कुंडली विश्लेषण कुंडली बनवाने के लिए संपर्क करें
जन्म कुंडली देखने और समाधान बताने की
दक्षिणा - 351 मात्र .
पेटियम नम्बर ==9958417249
गूगल पे नम्बर ==== 9958417249
फोन पे =======6306762688
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 09958417249
No comments:
Post a Comment