शत्रु स्तंभन प्रयोग
समय रात्री ९ से ३ के मध्य का रखे,मुख उत्तर की और रखे.आसन वस्त्र का कोई बंधन नही है.एक निंबू सामने रखे और निम्न मंत्र की एक माला रूद्राक्ष माला से जाप करे.
ओम क्रीं हूं क्रीं सर्व शत्रु स्तंभिनी घोर कालिकायै फट्
एक माला करे और निंबु मै,एक लौंग गाड़ दे.ईस प्रकार ११ माला करे और एक एक करके ११ लौंग गाड़ दे.अगले दिन या रात्री मे ही निंबु भुमि मे कही गाड़ दे.और एक नारियल गाड़े हुए स्थान पर रख आये.
ईससे शत्रु के सारे षड़यंत्र विफल हो जायेंगे.
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर ही साधना करें
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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