Sunday, July 28, 2019

हनुमत् कवच व हनुमान चालीसा से ग्रह दोष व ऊपरी बाधा या छाया ग्रहों का निवारण कैसे करें ।






हनुमत् कवच व हनुमान  चालीसा से ग्रह दोष व ऊपरी बाधा या छाया ग्रहों का निवारण कैसे करें ।






हनुमत् कवच के पाठ के द्वारा या पंचमुख हनुमत् कवच के पाठ के द्वारा हम अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव को दूर करता सकते हैं ।

पंचमुख हनुमत् कवच द्वारा तंत्र के कुप्रभाव को शून्य किया जा सकता है हनुमत कवच के पाठ में विनियोग करन्यास हृदयादिन्यास आवश्यक है तदोपरांत मंत्र का जाप शुद्ध उच्चारण के द्वारा किया जाए तो निश्चित सफलता मिलेगी .


सर्वप्रथम कवच का पाठ करने के उपरांत मंत्र का जाप किया जाए क्योंकि यह मंत्र तांत्रिक मंत्र हैं इन के मंत्रों के उच्चारण में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए अन्यथा प्रभाव के बजाय कुप्रभाव मिलने की आशंका रहती है कार्य के अनुरूप कई मंत्र हैं.

 जैसे मान लीजिए किसी के ऊपर किसी ने तंत्र प्रयोग किया है तो उसके निवारण के लिए एक मंत्र


 ओम नमो हनुमते परकृतयंत्रमंत्रपराहंकारभूतप्रेत पिशाच परदृष्टि सर्वविघ्नदुर्जनचेटकविद्या सर्वग्रहान्निवारय निवारय बध बध पच पच  दल दल किल किल सर्बकुयंत्राणि दुष्टवाचं फट् स्वाहा ।।




दूसरा मंत्र इसी प्रकार



 ओम नमो हनुमते सर्व ग्रहानभूतभविष्यद्वर्त वर्तमानान्दूरस्थान समीपस्थान सर्बकाल दुष्टदुर्बुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय पर बलानि क्षोभय क्षोभय मम् सर्वकार्याणि साधय साधय हनुमते ओम् ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं फट् देहि देहि स्वाहा। ओम शिवं सिद्धं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं स्वाहा।





इसी प्रकार अनेकानेक मंत्र हैं जिनके द्वारा किया कराया संतान बाधादि का निवारण किया जा सकता है ठीक इसी प्रकार हनुमान चालीसा के अनुष्ठान द्वारा भी निवारण किया जा सकता है ।


हनुमान चालीसा में स्पष्ट रूप से लिखा गया है 


अष्ट सिद्ध नव निधि के दाता और जो सत् बार पाठ कर कोई ।


यदि अनुष्ठान रूपसे हनुमान चालीसा का पाठ करवाया जाय तो निश्चित रूप से तंत्र के कुप्रभाव को दूर किया जा सकता है ।इसमें तनिक भी संदेह नहीं ।




जय श्री राम । ॐरामदुताय नमः





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सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

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महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

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(रजि.)

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