Tuesday, July 30, 2019

पन्द्रिया यंत्र साधना -- साबर विधि से





पन्द्रिया यंत्र साधना -- साबर विधि से


जरुरी है| अतः इस साधना को उसी साधक को शुरू करना चाहिए जो इस साधना के नियम का पूर्ण शुद्धि से पालन करऔर जन कल्याण किया है | यह बहुत ही तीव्र  साधना है | इस में शुद्धि का 

खास ध्यान ख़ास तौर पर  रखा जाता है।। अन्यथा तकलीफ हो सकती है ..| 

हर  उस व्यक्ति का बहुत ही सौभाग्य उदय होता है जब ऐसी साधना प्राप्त होती है | मेरी नजर में ऐसा कोई काम  ही नहीं है।। जो इस साधना से पूरा ना हो | हिन्दू और इस्लामिक दोनों मतो में यह साधना की जाती
है|

मैंने कई मुसलमानी मौलवियों को भी इस यंत्र का प्रयोग करते हुए देखा है |

यह मैं स्वयं भी इस साधना का प्रयोग बहुत बार करके इसे परख चुका हूँ| और कई संतो ने भी इसे समय-समय पर सिद्ध किया है

यह साधना अगर शारदीय,चैत्र अथवा गुप्त नवरात्री में की जाये तो और भी फल मिलता है | 
इसे सिद्ध करने के

लिए समय तो अवश्य ही लगेगा लेकिन अगर आप इसे सिद्ध कर ले तो किसी सिद्धि के
पीछे
भागने की आवश्कता नहीं है | इस में धैर्य बहुत जरुरी है और ब्रह्मचर्य  का
पालन भी
सके |

नियम  --- 

१. एक समय शुद्ध भोजन करे, फलाहार कभी भी ले सकते हैं |

२.ब्रह्मचर्य अनिवार्य है |

३.सत्य बोलने की
कोशिश करे |

४.किसी से व्यर्थ
में ना उलझें |

५.बड़ों का हमेशा सम्मान करें !

विधि

-- शुद्ध धुले हुये वस्त्र  पहने सिले हुए ना हो तो जयादा बेहतर है (जैसे 
धोती, चादर) | पीले लाल या सफ़ेद रंग के कपडे ज्यादा बेहतर है | लाल रंग
विशेष फल दाई  है !

२.शुद्ध घी का दीपक लगाये और एक बेजोट पर लाल वस्त्र बिछा कर  माता जगदम्बा का 
सुन्दर चित्र स्थापत करें हर रोज पूजन करे और गुरु पूजन करे
और पूर्ण समर्पित भाव से साधना शुरू करे !

३.मन को विचलित ना

होने दे माता का दर्शन होने के बाद कन्या पूजन करे जा साधना पूर्ण होने के बाद
कन्या पूजन जरुरी है |

५.माता की हलवे का भोग लगा कर कन्या पूजन किया जा सकता है !

६. इस यंत्र को

निम्न मन्त्र पड़ते हए सवा लाख बार लिखना है और जितने रोज लिखो आटे में मिक्स कर के
गोलिया बना ले और मछलियों को डाल दे किसी तालाब या नदी पर जाकर |

इस यंत्र को जैसे नीचे दिया है बना ले |

साबर मंत्र ---

ॐ  सात पूनम काल का बारह  बरस क्वार ,एको देवी जानिए चौदह भुवन द्वार द्वि पक्षे निर्मलिये तेरह देवन देव अष्ट भुजी परमेशवरी ग्यारह रूद्र सेव ,सोलह कला समपुरनी तिन नयन भरपूर दसो द्वारी तुही माँ , पांचो बाजे नूर ,नव निधि षट दर्शनी पन्द्रह तिथि जान चारो युग में कालका कर काली कल्याण ......!

ये मन्त्र थोडा उग्र  का है ..इसलिए सात्विकता बरतिए ..और इसे प्रयोग में  लाइए 

 इस मन्त्र का जप करते हुए उपर वाला यन्त्र लिखे और जब  साधना पूरी हो जाती है साधक के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता |

प्रयोग  --

जिस किसी व्यक्ति पर कैसी भी प्रेत बाधा या किसी का किया तंत्र प्रयोग 

(जैसे-मूठ) हो, तो इस यन्त्र को अष्ट गंध से लिख कर उस व्यक्ति को पहना 
दिया जाये तो बाधा शांत हो जाती है | 

कार्य सिद्धि के लिए इस यन्त्र को अपने साथ ले कर कार्य के लिए जा सकते है | मुक़दमे में विजय पाने के लिए  है और घर छोड़  कर
गये व्यक्ति  को

वापिस लाने के लिए इसका अचूक असर होता है वशीकरण  के लिए भी इसका प्रयोग  किया 

जाता है आप पहले इसे सिद्ध कर ले इसके प्रयोग  तो सैकड़ो है उसे फिर
कभी दे दूंगा | यंत्र सिद्ध करते करते माँ का दर्शन हो जाता है ऐसा मेरा और
कई लोगो का अनुभव है |

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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