Wednesday, June 3, 2015

प्रेत के बारे में और उनके प्रकार
भूतप्रेतो से सुरक्षा





हमारे समाज में ऐसे दो गुट है जिनमे एक जो इन सक्तियो को मानते हो एक जो उनके आस्तित्व को नहीं मानते लेकिन सच बात ये है की इस तरह की सक्तिया होती है जिनको हम प्रेत कहते या कोई दुसरे नाम से जानते है ये सक्तिया कभी किसको परेसान नहीं करती लेकिन जब इन्सान उनको छेड़ने की कोसिस करता है तो इन्सान को गंभीर परिणामो से गुजरना पड़ता है कभी कभी ऐसा भी होता है की कोई इन्सान दुसरे इन्सान को चोट या दुसमनी निकल ने के लिए तांत्रिक की मदद लेता है और तांत्रिक इसे सक्तियो को इन्सान को परेसान करने के लिए भेजता है
मैंने मेरे जीवन में जितने भी किस्से देखे है उनमे ज्यादातर इसे शक्तियो जानबू जकर भेजने वाले किस्से देखे है ऐसा बोहोत कम होता है जब प्रेत या भुत इन्सान को जान बू जकर परेसान करते है ये तब होता है जब आप उनको अनजाने में परेसान करे लेकिन में इस शक्तियो को मानता हु और उनके संपर्क में आया भी हु और उनकी शक्तियो को जनता और महसूस करता हु
अब में आप को बताउगा की जिससे आप जान सके की क्या आप घर सच में प्रेतग्रस्त है ? या आप का वेहम है ? और अगर है तो में खुछ टोटके बताउगा जिससे आप को फायदा होगा
पहले ये जान ले की आप के घर में बुरी सक्तिया है या नहीं
शक्तिया आप को अपनी शक्तियो का परिचय खुद दे देगी जैसे की घर में तोड़ फोड़ करेगी , आप के ऊपर चीजे फेकेगी , और ये सब रात में ज्यादा होगा कभी कभी ये शक्ति सरीर में प्रवेश भी कर सकती है
अगर है तो आप को क्या करना है
** जितना हो सके उसको नजरंदाज करे
** ॐ एम हिम कलीम चामुन्दाये विच्छे नमः (काली महा मंत्र ) का पाठ करे
** गूगल का धुप करे
** साप की केचुही जो साप ने छोड़ दी है उसको लेकर आये और ऊपर दिए मंत्र को पड़ते हुए उसको कोयले के ऊपर रखकर धुप करे
** धुप करते वक़्त ये ध्यान रखे की धुप आप को घर के पिछले हिस्से से सरू करते हुए आगे आये घर का कोई भी रूम या कोना बाकि न रहे , धुप करते वक़्त घर को बंद करदे और धुप होने के बाद घर को खोल दे
** सबसे आसन तरीका ये है की आप ऊपर दिए गई मंत्र की रोज एक माला करे और महाकाली माँ को प्रार्थना करे की आप को इस शक्ति से आज़ाद करे में एक बार फिर ये बताना चाहता हु की महाकाली माँ की शक्तियो के आगे तीनो लोक में ऐसी कोई शक्ति नहीं है जो उनको चुनोती दे सके उनमे अपार शक्ति है उनका क्रोध आप के लिए नहीं बल्कि आप के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली शक्तियो से है वो तो अपने बच्चो के लिए बोहोत सोम्य है और वो अपने भक्तो को दुखी नहीं देख सकती इस लिए में आप को महाकाली के सरन में जाने की सलाह दूगा
महाकाली माँ के आगे इस तरह की शक्तिया हार ही नहीं मानती बल्कि टूट जाती है वो उनके सामने पलभर भी नहीं टिकते लेकिन माँ को सच्चे दिल से पुकारना होता है वो आपकी मदद के किये जरुर आएगी
अगर प्रेत इन्सान के सरीर में प्रवेश करता है तो उसको जानने का एक तरीका है रोगी के दाया कान को पकडिये वो गर्म होगा
** रोगी सो नहीं पायेगा
** चिल्लाएगा और अपने कपडे फाडेगा
** किसीको अपने नजदीक नहीं आने देगा
** गाली गलोच करेगा
** अपनी मांगे मनवाएगा
** धमकिया देगा
इन सब बातो से आप घबराये नहीं ये याद रखये की प्रेत ज्यादा देर तक इंसानी सरीर के अन्दर नहीं रह सकता क्योकि जितनी देर वो सरीर में रहेगा उतनाही उसके पकडे जाने की सम्भावना है और उनको आज़ादी ज्यादा पसंद है ये उसके लिए ये एक खेल है जो ज्यादा डरेगावो हारेगा
तब आप ये जान ले की आप की तरफ से जितना हो सके उसको चोट न पहुचाये क्योकि चाहे वो प्रेत कोई भी हो लेकिन वो आप के घरवाले के सरीर में है आत्मा को चोट नहीं लगती चोट सरीर को लगती है में ये इस लिए बता रहा हु की ज्यादातर तांत्रिक रोगी को बोहोत बुरी तरह से मारते है और रोगी के घर वाले ये सब देखते है ये सब से उस को कोई नुकसान नहीं पहुचता नुकसान रोगी के सरीर को होगा और इस तरह प्रेत भागते नहीं है ये बात आप बोहोत अच्छी तरह से जान ले इसलिए ये सब आप रोंके
अगर फिर भी रोगी को असर नहीं हो रहा है तो आप को तुरंत कोई ऐसे इन्सान को खोजना सरू करे जो मारपीट न करे और प्रेतों को भगाना जानता हो या फिर मुजको मेल कर
प्रेत कितने प्रकार के होते ?
डाकिनी - अति भयंकर , निर्दय , स्मशान में मुर्दे और बच्चे को खाती है
शाकिनी - अविवाहित लड़की जब मर जाती है तो वो शाकिनी बनती है
जखिन - बुद्दी ओरत बन के फिरती है उसके बल सफ़ेद और बंधे हुवे नहीं होते है जो कोई उसके साथ सम्बन्ध बनाता है वो उस इन्सान का कल्याण करती है इस लिए कोई कोई उसको '' बलवंत '' के नाम से भी जानता है जब ओरत गर्भवास्ता या रजस्वला में मरी हुई सौभाग्यवती स्त्री के भुत को जखीन कहा जाता है
लाल या लावसर - रजस्वला अवस्था में जिनकी मृत्यु हो जाती है उसको लाव कहते है ये विधवा का भुत होता है ये स्मशान में रहती है और यो पसु पंखी को हेरान करती है मुर्दा उसका भोजन है
सटवाई - सगर्भा ओरतो को परेसान करती है पैदा हुए बच्चो को पांचवे या छठे दिन मार देती है
हदल - स्वभाव में बोहोत ही ख़राब , दुष्ट ,सुन्दर रूप लेके इन्सान को फसाती है उनका शिकार ज्यादातर बच्चे होते है ,जिन ओरत को बच्चा होता है और वो दस दिन के अन्दर मर जाती है वो खिजदा के पेड़ ऊपर रहती है और रातको हरे रंग के कपडे पहन के शिकार करती है
ये स्त्री वर्ग के भुत है अब पुरुष वर्ग के भूतो के बारे में जानेगे
भुत + पिचास - ये ज्यादा इंसानों को परेसान नहीं करते जब इनकी इच्छा होती है तभी वो बहार आते है इनको अंडे ,तीखा और ज्वार की ठंडी रोटी पसंद है
खाविस - लमान, मुस्लमान या म्हार लोगो के भुत को खाविस कहा जाता है वो १५ से १७ फिट ऊँचे होते है अविवाहित पुरुस मरने के बाद खाविस बनते है ये गुस्सेल होते है लेकिन खुस होने पर इन्सान को जो चाहेये वो देता है ये सफ़ेद रंग में होते है उनके पैर उलटे हो ते है वो जिनका चाहे रूप ले सकते है
भ्रमभुत - रत को या दिन को एकदम वीराने में या पीपल के पेड़ निचे स्नान संध्या करते है किसीको परेसान नहीं करते अगर किसी ब्रह्मण का खून होता है तो वो ब्रह्मभुत बनता
बेताल - इसको भूतो का राजा माना जाता है इसको सिद्ध करने पर ही आता है वो किसी के सरीर से भुत निकालना हो या प्रेत ग्रस्त इन्सान को ठीक करना हो तो मदद करता है सभी भुत इसकी बातो को मानते है इनके मंदिर भी होते है ये मुर्दे में भी जान दाल सकते है वेताल के दो रूप है एक रूद्र और एक जो आग लगाता है ये नग्न रहते है ये उनकी निसानी है तमिलनाडु में वेताल को अथ्य्नार , दुर्ग में मलदेव , तेलंगन में पेंक्तासु भी कहते हे
जोड़ - मुसलमान , कोली , खारवा की आत्मा ओ को जोड़ कहा जाता है ये एक पेड़ पर एक पैर और दुसरे पेड़ पर दूसरा पैर रखकर खड़ा रहता है इसको गर्दन नहीं होती है जिस पैड पर ये रहते है उसके निचे से जाने पर इन्सान बीमार पद जाता है
गिरहा - पानी डूबकर या पानी के अन्दर जिनका खून होता है वो गिरहा बनते है वो पानी में ही रहते है रात को अकेले जा रहे इंसान को आवाज लगा कर बुलाता है रात को नाव लेके जा रहे नाविकों को आवाज दे कर बुलाता है और गहरे पानी में लेजाकर डूबा देता है वो ज्यादा शक्ति साली नहीं होते अगर कोई उनके सर का एक बाल तोड़ ले तो वो उसके गुलाम बन जाते है
मुंजा -ब्रहमचारी युवान ,रूपवान ब्रहामन या ब्रहमचारी की मृत्यु होती है तो वो मुंजा बनता है ये पीपल के पेड़ पर रहता है और आने जाने वालो को परेसान करता है उसके कमर पर घंटिया होती है उसको बजाकर वो सबको परेसान करता है
देवचार - विवाहित शुद्ध मृत्यु के बाद जिसका अग्निसंस्कार ठीक से नहीं किया जाता वो देवचार बनता है गाव के सभी भुत उसके आधीन रहते है मुर्गी या बकरी की बलि उसको पसंद है और ये पुरे गाव की रक्षा करता है
पितृ - ये भुत छोटे होते है और जुंड में रहते है तांत्रिक उनको बस रखते है और ये परेसान ज्यादा करते है
वीर - अतिसय सुरवीर ,शक्तिशाली सभी भूतो के मालिक होते है दिन रात गुमते है किसीका भी रूप ले सकते है डरते है किसके भी सरीर में जा सकते है आग पैदा कर सकते है दिया जला सकते है अमावस्या के दिन ये ज्यादा दिक्ते है इन्सान को पकड़ के उनके सरीर में जा कर उनकी इच्छा को मनवाते है इनको पहचानना बहुत ही कठिन है वो वायु रूप होते है इस लिए उनको पकड़ना यानि अपनी मृत्यु को बुलाना होता है
आशेव - नाक से बोलता है अतिभ्यंकर प्रकार का पिचास है
चुडेल -इस प्रकार के भुत के पैर उलटे होते हे
गोल बियावानी - हाथ में मसाल के साथ जंगलो में गुमता है
दरया - आकार में अति प्रचंड होते है उसके सर पर सिंग होते है उनके पंजे भी बोहोत बड़े होते है
हमजाद - इंसानों के साथ रह सकता है उनको वस् में किया जा सकता है ज्यादा परेसान नहीं करते
और भी इस प्रकार के बोहोत से भुत पिचासो का वर्णन है जिनको हम नाल्खाम्भा ,जिद , पिलर , डाकिनी , कुस्थामंदा , मंत्री , भूचर , खेचर , जलाई , जोगनी , गावती ,मधुपर्वानी , मस्ख्वानी , और नाधोबा कहते हे
में ये सब आपकी जानकारी के लिए बता रहा हु ज्यादा तर लोग इन शक्तियो को भुत के नाम से जानते है और उनको सिर्फ एक ही नज़र से देखते है इन सबकी शक्तिया अलग है और ये सब अपने आप में अलग है
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
08467905069
E - mail-- aghoriramji@gmail.com

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