यदि आप मुझसे कुछ सीखना चाहते है तो परिश्रम तो करना ही होगा। किसी को दो दिन में तारा चाहिए,तो किसी को ९ दिन में छिन्नमस्ता,किसी को ५ दिन में मातंगी सिद्ध करना है तो,किसी को ११ दिन में भुवनेश्वरी। कितनी बचकानी बात है. मेरा उद्देश्य किसी के ह्रदय को पीड़ित करना नहीं है.अगर किसी को दुःख हुआ हो तो हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थी हु.परन्तु कभी कभी व्यर्थ का रोग मिटाने के लिए कड़वे वचनो कि औषधि आवश्यक हो जाती है.
Monday, June 25, 2018
मुकदमे मे विजय प्राप्ति यन्त्र प्रयोग
मुकदमे मे विजय प्राप्ति यन्त्र प्रयोग)
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इस गुप्त शत्रुता वाले युग मे कौन सा शत्रु कब घात प्रतिघात कर दे कहा नही जा सकता हैं एक बार सामने के आघात तो सहन किये जा सकते हैं पर छुप कर या विभिन्न षडयंत्र बनाकर किये गए आघात के बारे मे क्या कहा जाए ...
यह सब तो आज के युग की निशानी हैं इन्ही मे एक तरीका जो सर्वाधिक उपयोग होता हैं वह हैं सामने वाले को किसी भीझूठे मुकदमो मे फसवा दो , अब व्यक्ति कितना भी निर्दोष हो इस चक्कर से निकलते निकलते उसका बहुत संमय उर्जा और धन नष्ट हो जाता हैं मानसिक प्रताडना जो झेलनी पड़ती हैं वह तो बिलकुल ही अलग होती हैं.
यूँ तो गुप्तशत्रुओं और समस्त प्रकार के षड्यंत्रो को निष्फल करने मे भगवती बल्गामुखी और अन्य महाविद्याओ का नाम आता हैं पर इनकी साधनाए इतनी सरल भी तो नही हैं ,
इनसे सबंधित प्रयोग अवश्य किये जा सकते हैं पर व्यक्ति भी कुछ संशय की अवस्था मे रहता हैं की कहीं कुछ गलत न हो जाए या उसे पूरा विधान ठीक से मालुम भी नही होता , इस समय यंत्र विज्ञान के सरलतम तरीके जिन पर भले ही एक पल विस्वास न हो पर बहुत लाभदायक सिद्ध हुये हैं .
वेसे भी कानूनी जब लड़ाई प्रारंभ होती हैं तो एक व्यक्ति ,कानूनी दाव पेंच से उसका कोई वास्ता नही होता और वह परेशां होता जाता हैं और किसी तरह मुकदमो मे विजय भी चाहता हैं की फिर से व ह आरामदायक जीवन व्यतीत कर सके .
यह कहा भी गया हैं की कमजोरी ही पाप हैं और बलयुक्त होना ही पुण्य हैं और जीवन ऐसे रो रो कर घिसट घिसट कर तो काटा नही जा सकता हैं
यह तो आप हम सभी जानते हैं की आज के युग मेसाधना के लिए समय न मिल पाना एक बहुत बड़ी समस्या हैं ,हलाकि सदगुरुदेव जी ने यह भी कहा हैं की अगर ध्यान से देखें तो स्वयं ही पता चल जाएगा की दिन का कितना समय यूँ ही बेकार के कामो मे जा ता हैं अगर वहां समय बचाया जा सके तो.
अगर भौतिक जीवन मे उच्चता प्राप्त कर ली हैं तो इस तंत्र जगत मे भी कुछ उपलब्धिया भी प्राप्त करें यही तो जीवन की उच्चता हैं .तो इसके लिए समय निकालना ही पड़ेगा .
ठीक इसी तरह अगर समस्या बहुत गंभीर न हुयी हो तो आप इस प्रयोग को करें और पुरे मनो योग से करने मे सफलता आपको प्राप्त होगी बशर्ते आपका पक्ष सही होना चहिये .इतना तो व्यक्ति का स्वयं के लिए निष्पक्ष आकलन होना ही चाहिये.
यन्त्र विज्ञानं का यह बहुत ही सरल सा प्रयोग हैं अनेको द्वारा प्रशंशित भी हैं .
आप सभी को यंत्र विधान के सामन्य नियम ज्ञात हैं ही , अनेको बार लिखे जा चुके हैं तो बार बार उन्ही का उल्लेख उचित नही हैं , इस यंत्र को भोजपत्र पर कुकुम से बना ले .
जिस व्यक्ति के विरुद्ध आपका मुकदमा हो उसका नाम यंत्र के मध्य मे पहले से लिखना न भूले ,यंत्र का पूजन और अन्य सामान्य विधान जो की यन्त्र सबंधित विगत कई पोस्ट मे दिए जा चुके हैं .
आप उन्हें करे और जिस दिन आपका मुकदमा हो कोर्ट मे जाना हो इस यन्त्र को त्रिलोह धातु के तावीज़ मे बंद करके दूध मे डा ल दे .. बस इतना विधान हैं .
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम ( राजयोग ) ट्रस्ट
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मोबाइल नं. : - 09958417249
08601454449
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