Monday, June 18, 2018

सिद्धकाली इतरयोनि वशीकरण प्रयोग

सिद्धकाली इतरयोनि वशीकरण प्रयोग हम कई बार इतर योनि साधना करते है।कई बार सफल तो कई बार असफल होते है।उसके कई कारण हो सकते है। जैसे उर्जा की कमी ,एकाग्रता की कमी,किन्तु उसका एक कारण ये भी है की हमारे अन्दर आकर्षण नहीं है।किसी को अपने वशीभूत करने की क्षमता का विकास हुआ ही नहीं। प्रस्तुत साधना प्रयोग इसी विषय पर है।देखने में भले ही यह अत्यंत छोटा प्रयोग लगता हो।किन्तु अपने अन्दर ये कई प्रकार की शक्तियां लिये हुए है।प्रस्तुत प्रयोग माँ सिद्धकाली से सम्बंधित है जो की सिद्धियों की दात्री है। इस प्रयोग को यदि किसी भी इतर योनि साधना के पहले कर लिया जाये तो,सफलता के अवसर बड जाते है।क्युकी इस प्रयोग के माध्यम से आपके अन्दर उस इतर योनि को वशीभूत करने की क्षमता उतपन्न हो जाती है।यह प्रयोग मात्र एक दिवसीय है। इसे आप किसी भी अमावस्या,रविवार,कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कर सकते है,या आप जिस इतरयोनि की साधना करने जा रहे है,उस साधना के आरम्भ करने के ठीक एक दिन पहले भी इस प्रयोग को किया जा सकता है। समय रात्रि ११ बजे के बाद का हो।आसन वस्त्र लाल। उत्तर दिशा की और मुख कर बैठ जाये।सामने बजोट पर लाल वस्त्र बिछा दे।अब नारियल का सुखा गोला ले,जो की पूरा हो।अब इसे ऊपर से थोडा सा काट ले और इसके अन्दर एक मावे का पेड़ा,थोडा सा गुड और थोड़े से काले तील भर दे। इसके बाद पुनः कटे हुए हिस्से को गिले आटे की सहायता से बंद कर दे।इसके बाद तील के तेल में सिंदूर मिलाकर,गोले पर बीज मंत्र " क्रीं " का अंकन करे।और उसे बजोट पर स्थापित कर दे।इस प्रयोग में माँ के चित्र या विग्रह आदि की आवश्यकता नहीं है। आपको इसी गोले को माँ सिद्धकाली मानकर पूजना है।सामान्य पूजन करे,कुमकुम ,हल्दी,सिंदूर,अक्षत तथा लाल पुष्पों से पूजन करे।तील के तेल का दीपक जलाये।तथा भोग में गुड अर्पण करे।समस्त सामग्री अर्पण करते समय सतत निम्न मंत्र का जाप करते रहे। क्रीं क्रीं सिद्ध कालिके क्रीं क्रीं फट kreeng kreeng siddh kalike kreeng kreeng phat इसके बाद आप किस इतरयोनि की साधना में सफलता के लिये यह प्रयोग कर रहे है इसका संकल्प ले।माँ सिद्ध कलि से प्रार्थना करे।इसके बाद मूंगा माला,रुद्राक्ष माला या काले हकिक की माला से निम्न मंत्र का २१ माला जाप करे। ॐ क्रीं क्रीं सिद्धि दात्री सिद्धकाली अमुकं इतरयोनि वश्यं कुरु कुरु क्रीं क्रीं फट om kreeng kreeng siddhi datri siddhkaali amukam itaryoni vashyam kuru kuru kreeng kreeng phat अमुकं की जगह उस इतर योनि का नाम ले जिसकी आप साधना करने वाले है।जाप के बाद घी में काले तील मिलाकर १०८ आहुति प्रदान करे,इस प्रकार यह एक दिवसीय प्रयोग संपन्न होता है।साधना के बाद या अगले दिन। नारियल के गोले को उसी लाल वस्त्र में लपेट कर ले जाये।और किसी पीपल के पेड़ के निचे गाड़ दे।और एक तेल का दीपक प्रज्वलित कर माँ सिद्ध कलि से प्रार्थना कर लौट आये। पीछे मुड़कर न देखे।अगर ये संभव न हो तो आप ये क्रिया किसी अन्य निर्जन स्थान में भी करके आ सकते है।तो विलम्ब कैसा अब समय आ गया है की माँ की कृपा प्राप्त की जाये,क्युकी अभी नहीं तो कभी नहीं। राज गुरु जी महाविद्या आश्रम ( राजयोग पीठ ) ट्रस्ट . किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें : मोबाइल नं. : - 09958417249 08601454449 व्हाट्सप्प न०;- 9958417249

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