Monday, August 14, 2017

चक्रेगमालिनी देवी साधना

चक्रेगमालिनी देवी साधना



(शिव शक्ति)

यह देवी भगवती से उत्पन्न है।यह सफ़ेद वस्त्रो को धारण किये हुये,गले में फूलो का सफ़ेद हार पहने हुये साधक को दर्शन देती है।

सिद्ध होने पर यह साधक को भूत भविष्य वर्तमान बताती हैं और अन्य बाते भी साधक के कानो में बोलकर बताती हैं।इस देवी सिद्धि से साधक स्वयं ही त्रिकाल दर्शी बन जाता है।

देवी अम्बिका की मूर्ति का पूजन करे।मिठाई का भोग लगाय, धूपबत्ती,फूल,अर्पित करे,देशी घी का दिया जलाय।जल का कलश रखे।

21 माला जाप 41 दिन करे।

सफ़ेद वस्त्र,सफ़ेद आसन ले।माथे पर लाल चन्दन का तिलक लगाये।रुद्राक्ष माला से जप करे।

बन्द आँखों से जप करे।सिद्ध होने पर यह साधक की सहायता करती हैं।

अंतिम दिन दशांश हवन करे।

गुरु पूजन,पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन,शिव पूजन,अम्बा देवी पूजन करे।लालची साधक दूर रहे।

मन्त्र।

।ॐ ह्रीम् चक्रगमालिनी स्वाहा।

राजगुरु जी

महाविद्या आश्रम

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