Sunday, December 11, 2016

दरिद्त्रता  नाशक प्रचंड प्रयोग

     

 प्रसिद्ध तांत्रिक ग्रन्थ  "" शारदा तिलक  """ में इस पवित्र मुद्रिका के विषय  और प्रयोग के बारे में विशद उल्लेख किया गया हैं . त्रिधातु   ( सोना २ रत्ती , चाँदी १२ रत्ती , और तांबा १६ रत्ती , ) से शास्त्रोक्त पद्धतिके अनुसार निर्मित तथा श्री यन्त्र जड़ित इस चमत्कारी मुद्रिका को धारण करने से दरिद्रता का समूल नाश हो जाता हैं .
   
  सामग्री -     जल पात्र , घी का दीपक , अगरबत्ती , भोजपत्र , मंत्र सिद्धि पवित्री  मुद्रिका .

     माला -  पवित्री माला  ( मंत्र सिद्धि  चैतन्य  )
     समय -  दिन या रात में कोई भी समय
     दिन  -  शुक्रवार .
     धारणीय  -   वस्त्र -   पीले रंग की धोती
     आसन  -  पीले रंग का
     दिशा -  पूर्व

     जप संख्या  -  ११००० हजार

    अवधि -  ११ दिन

    मंत्र -      ॐ  क्लीं  नमः   ( कनकधारा  स्त्रोत  )

    प्रयोग -

 सर्व प्रथम भोजपत्र पर केशर से उपरोक्त यन्त्र को अंकित कर दे  और उसके ऊपर पवित्री मुद्रिका रख दे ,  ( जो की मंत्र सिद्धि  प्राण - प्रतिष्ठा युक्त हो )  इसके बाद सामने अगरबत्ती व दीपक लगा दे तथा कनक धरा स्त्रोत का जाप प्रारम्भ कर दे .

 उसके बाद निम्न मंत्र का ११०० मंत्र का जाप प्रतिदिन करे , ११ दिन . ११ वे दिन जाप पूरा कर के भोजपत्र को चांदी के ताबीज में बंद कर गले में धारण कर ले और मंत्र सिद्धि प्राण - प्रतिष्ठा युक्त पवित्री मुद्रिका दाहिने हाथ की किसी भी ऊँगली में धारण कर ले ,

   इस अगूंठी के प्रभाव से राज्य से सम्बंधित सभी बंधाये दूर हो जाती हैं . और उसे मान सम्मान प्राप्त होता हैं साथ ही यह  पवित्री मुद्रिका धारण करता की दरिद्रता का विनाश कर के उसके लिए लक्ष्मी प्राप्त में परम सहायक होती हैं .



राजगुरु जी

महाविद्या आश्रम

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