Sunday, December 18, 2016

आकर्षण

इस क्रिया को करने से पहले एक सुरक्षा चक्र बनाना आवयशक होता है १ किलो आटा लेकर उसके १/२ किलो बूरा मिलाकर पाने चारों और एक घेरा बना लें घेरा बनाते हुए बजरंग बाण का पाठ करते रहें इस चक्र के अन्दर बैठकर साधना करने पर कितनी भी बुरी से बुरी शक्तियां हों वह न तो विघ्न डाल सकती हैं और ना ही नुकसान पहुंचा सकती हैं

अब यह उपाय आरम्भ करना है

किसी भी दिन से आरम्भ किया जा सकता है रात को १० बजे के बाद एकांत कमरे मे बैठकर एक देसी घी का दीपक जलाकर लाल वस्त्र के आसन पर एकाग्रचित होकर बैठ जाय। सामने स्वच्छ वस्त्र पर फोटो और वशीकरण यन्त्र पास-पास रखें।

 कोई सुगन्धित अगरबती जला लें। अब यन्त्र को पूरी आत्मियता से देखते हुए मन में ऐसी धारणा बनाएं कि, आपकी आतंरिक उर्जा को यन्त्र के माध्यम से कोई आकर्षण शक्ति प्राप्त हो रही है जो किसी को भी सम्मोहित कर देने में क्षमतावान है। अब उस फोटो की दोनों आँखों के मध्य, जहाँ बिंदी या तिलक किया जाता है, वहां दृष्टि जमाते हुए निम्न मंत्र का 21 बार शुद्ध उच्चारण करें।

मंत्र- ॐ रं श्रृं अमुकं वश्यमानाय हुं।

(अमुकं के स्थान पर व्यक्ति का नाम लें)

उच्चारण पूर्ण होने के बाद यन्त्र को स्वच्छ वस्त्र में ही बांधकर किसी बहती नदी तालाब में विसर्जित करके बिना पीछे देखे वापिस आ जायं। अगले १५ दिन के मध्य में आप अनुभव करेंगे कि, आपकी सफलता आपके निकट आने को लालायित है।

यही नहीं, अनुभव में यह भी आयेगा कि, आपके सम्मोहन में वशीभूत अधिक से अधिक लोग आपके निकट आने को वेताब हैं। बातचीत करने को उतावले हैं। और जब वार्ता होती है तब आपकी हर बात वो मानने को विवश से हैं

इसके बाद सामर्थ्य अनुसार पक्षी आजाद करवा दें या पशु और पक्षियों को खाना खिला दें

राज गुरु जी

महाविद्या आश्रम
.
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

मोबाइल नं. : - 09958417249

                    08601454449

व्हाट्सप्प न०;- 9958417249

No comments:

Post a Comment

महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि

  ।। महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि ।। इस साधना से पूर्व गुरु दिक्षा, शरीर कीलन और आसन जाप अवश्य जपे और किसी भी हालत में जप पूर्ण होने से पह...