Thursday, July 9, 2015

भैरवी चक्र में शरीर की शुद्धि






स्नान विधि- स्नान तलवों से मस्तक, मस्तक से तलवों ता ‘ॐ भैरवाय नमः’ मंत्र के साथ पहले मिट्टी से; फिर पानी से स्नान करके तेल (सरसों) से; फिर सिद्ध उबटन से, फिर गोबर (गाय), फिर गौमूत्र, फिर पानी से धोकर, दही से फिर दूध से, फिर पानी से करें और भैरवी को करायें।
लाल रंग के सूती-रेशमी साड़ी सेट साधक एवं गुरु लाल चोंगे को वस्त्र के रूप में धारण करें। इसके बाद गहनें, पायल आदि जो देवी को पहनाया जाता है, पहनायें जाते हैं। इसके अभाव में कल्पना करके कि आप गहना पहन रहे हैं लाल कलावा और चुनती का प्रयोग किया जाता है। यह श्रृंगार गुरु के द्वारा मन्त्रों से पूरित होता है। गुरु कि उपस्थिति न हो, तो गुरु के नाम संकल्प करके साधक करता है।
तलवों के पंजों के मध्य, पैरों में पृष्ठभाग से वहीँ, हाथोंकी तलहटा के मध्य एवं हाटों के पृष्ठ पर वहीँ और आज्ञा चकरा पर भैरवी चकरा अंकन किया जाता है।
इसके बाद अंकित भैरवी के चारों ओर जल रहे दीपकों के प्रज्वलित मंडल में भैरवी का प्रवेश कराया जाता है।
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249

No comments:

Post a Comment

महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि

  ।। महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि ।। इस साधना से पूर्व गुरु दिक्षा, शरीर कीलन और आसन जाप अवश्य जपे और किसी भी हालत में जप पूर्ण होने से पह...