हम भैरवी साधना करना चाहते है; उपाय बताये
करवाने से होता है; उसी प्रकार तंत्र और भैरवी मार्ग की साधनायें भी बताने का विषय नहीं है।
भैरवी-साधना के 9 चरण होते है। इनको एक-एक कर करना होता है। पांच सिद्ध करने के बाद साधक वीर कहलाता है, नौ सिद्ध करने के बाद दिव्य। ‘वीर’ को ही अलौकिक शक्तियाँ और ज्ञान पारपत होता है।
भैरवी-साधना के 9 चरण होते है। इनको एक-एक कर करना होता है। पांच सिद्ध करने के बाद साधक वीर कहलाता है, नौ सिद्ध करने के बाद दिव्य। ‘वीर’ को ही अलौकिक शक्तियाँ और ज्ञान पारपत होता है।
इसमें सबसे पहली साधना, जो सामान्य क्रियात्मक प्रयोग होते है, संस्कारों को नष्ट करने की होती है। मनुष्य अपने ही बनाये हुए नियमों से पाशबद्ध होकर उस पशु की तरह विवश हो गया है, जो बंधन में है।
इन संस्कारों से मुक्ति सबसे कठिन काम है। इनमें उत्तीर्ण होने के बाद ही भैरवी चक्र की दीक्षा दी जाती है। मुझे स्वयं भी 10 वर्ष पहले इसमें प्रवेश के लिए कठोर परिक्षण से गुजरना पड़ा था। मुझे ज्ञान और बौद्धिक क्षमता के लिए शिव और सरस्वती का वरदान चाहिए था, जो प्राप्त हुआ।
तीसरी समस्या भैरवी की होती है। हृदय से उत्साह के साथ कोई 18 से 30 वर्ष की युवती भैरवी बनकर साधना की पार्टनर बनना चाहे; तभी इस मार्ग की साधनाएं सफल होती है। युवती को ज्ञात होना चाहिए कि यह काम आधारित साधनायें है। दूसरे उसमें अपने पार्टनर से शिव और गुरु से सदाशिव के समान भक्ति और श्रद्धा होना चाहिए।
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
No comments:
Post a Comment