Wednesday, October 21, 2020

राहु से बनने वाले कुछ योग


 







*राहु से बनने वाले कुछ योग-*


*आज का विषय बहुत ही अच्छा रखा है अच्छा तो हर रोज होता है हर रोज ही महत्वपूर्ण होता है। आज हम बात करते हैं राहु से बनने वाले योगों से लोगों के बारे में ऊपर हमारे विद्वानों ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है तो मैं भी एक थोड़ा सा और छोटा सा विश्लेषण दे रहा हूं।


 सबसे पहले मुख्य बात है राहु एक पाप ग्रह है और वह जिस स्थान में बैठता है वहां की कुछ ना कुछ हानि जरूर करता है लेकिन वह शुभ ग्रहों के साथ या शुभ राशि में या मित्र राशि में वह बैठता है तो अच्छा फल देता है।


 सिर्फ एक कुंडली से ही पता नहीं चलता उसे नवमांश दशांश गोचर दशा महादशा अंतर्दशा यह सभी देखकर ही सब कुछ पता लगाया जा सकता है कि यह कैसा फल देगा फिर भी कुछ योग बनते हैं।


 जैसे कपट योग, क्रोध योग,अष्ट लक्ष्मी योग, पिशाच बाधा योग, चांडाल योग, अंगारक योग, ग्रहण योग, सर्प शाप योग, परिभाषा योग, अरिष्ट भंग योग, लग्न कारक योग, पायालु योग, और राहु शनि की युति के योग इस तरह से कुछ लोग हैं और भी कई योग हैं।*


*1- कपट योग- 


जब कुंडली के चौथे घर में शनि हो और राहु 12 वे घर में हो तो कपट योग होता है इस योग के कारण कथनी और करनी में अंतर होता है।*


*2-क्रोध योग- 


सूर्य बुध या शुक्र के साथ राहु लग्न में हो तो क्रोध योग होता है। जिसके कारण जातक को लड़ाई झगड़ा,वाद विवाद के परिणाम स्वरूप हानि और दुख उठाना पड़ता है।*


*3- अष्टलक्ष्मी योग- 


जब राहु षष्ठम में और गुरु केंद्र (दशम) मैं हो तो अष्टलक्ष्मी योग होता है। इस योग के कारण व्यक्ति शांति के साथ यशस्वी जीवन जीता है।*


*4- पिशाच बाधा योग-


 चंद्र के साथ राहु लग्न में हो तो पिशाच बाधा योग होता है इस योग के कारण पिशाच बाधा की तकलीफ सहनी पड़ती है और व्यक्ति निराशावादी अपने को घात पहुंचाने की कोशिश करता है।*


*5- मेष कर्क तुला मकर लग्न में अगर चंद्र राहु की युति केंद्र में हो तो शुभ फलदायक होता है ।अगर त्रिकोण (5,9) का स्वामी चंद्र हो उन्हें मैं चंद्र राहु की युति हो तो शुभ फल देती है। अन्य भागों में चंद्र राहु की युति होने से भयंकर आरोपों के द्वारा उत्पन्न मुकदमा वाजी का सामना करना पड़ता है तथा अनेक प्रकार का दुख भोगना पड़ता है।*


*6- चांडाल योग- 


गुरु के साथ राहु की युति होने से चांडाल योग बनता है इस योग के प्रभाव से नास्तिक और पाखंडी होता है लेकिन इसमें अंशौ को देखना बहुत जरूरी है।*


*7- परिभाषा योग- 


लग्न में या 3,6,11 मैं से किसी भी स्थान में राहु हो तो परिभाषा योग होता है इस राहु पर शुभ ग्रह की दृष्टि से यह शुभ फलदायक होता है।*


*8- अरिष्ट भंग योग- 


मेष, वृष, कर्क इन तीनों राशियों में से कोई लग्न हो और राहु 9,10,11 में हो तो अरिष्ट भंग होता है और यह शुभ फलदायक होता है।*


*9- लग्न कारक योग- 


मेष वृष या कर्क लग्न हो और 2,9,10 इन स्थानों को छोड़कर अन्य किसी स्थान में राहु हो तो लगन कारक होता है। यह योग सर्वरिष्ट निवारक होता है।*


*10- पायालू योग- 


जब राहु और लग्नेश दोनों दशम भाव में हो तो जातक मां के गर्भ से पैरों की तरफ से जन्म लेता है इसे पायालु कहते हैं।*


*11- अंगारक योग- 


राहु और मंगल की युति हो तो उसे अंगारक योग कहते हैं जिसमें व्यक्ति को हानि उठानी पड़ती है और सबसे पहले यह देखना होता है कि वह किस भाव में है शुभ है या अशुभ।*


*12- राहु शनि युति योग- 


शनि राहु की युति लग्न में हो तो सेहत ठीक नहीं रहती व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है। चतुर्थ स्थान में होने से माता को कष्ट होता है पंचम में होने से संतति के लिए कष्ट होता है सप्तम में पति पत्नी के लिए कष्ट होता है नवम में पिता के लिए कष्ट होता है दशम में व्यापार एवं प्रतिष्ठा की हानि होती है परंतु यदि गुरु की दृष्टि हो तो प्रभाव में कमी आ जाती है।*


और अधिक जानकारी समाधान उपाय विधि प्रयोग या ओरिजिनल रत्न की जानकारी या रत्न प्राप्ति के लिए या कुंडली विश्लेषण कुंडली बनवाने के लिए संपर्क करें


जन्म  कुंडली  देखने और समाधान बताने  की


  परामर्श      दक्षिणा  -  201  मात्र .


Pytam नम्बर -  9958417249


चेतावनी -


सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।


विशेष -


किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें


महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》


तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान


महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट


(रजि.)


किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :


मोबाइल नं. : - 09958417249


                   


व्हाट्सप्प न०;- 9958417249

No comments:

Post a Comment

महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि

  ।। महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि ।। इस साधना से पूर्व गुरु दिक्षा, शरीर कीलन और आसन जाप अवश्य जपे और किसी भी हालत में जप पूर्ण होने से पह...