शत्रु मारण मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं महा महा बिकराल भैरवाय ज्वालाक्ताय मम शत्रुं दह दह हन हन पच पच उन्मूलय उन्मूलय ॐ ह्रीं ह्रीं हुं फट् ।।
सामग्री -
श्मशान भैरव यंत्र . गुटिका . भूत केशी जड़ . काली हकीक माला . प्राण प्रतिष्ठा युक्त मंत्र सिद्धि चैतन्य .
विधि –
उपरोक्त मंत्र का शनिवार या मंगलवार से जप शुरु करे, जप एक सप्ताह मे ३१०० इकत्तीस हजार जप करने के पश्चात सवा सेर सरसों लेकर हवन करें ।। अवश्य शत्रु नाश होगा ।।
शत्रु शमन के लिए
साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदमनहींउठाएगा।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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