Saturday, October 14, 2017

शत्रु मारण मंत्र

शत्रु मारण मंत्र









ॐ ऐं ह्रीं महा महा बिकराल भैरवाय ज्वालाक्ताय मम शत्रुं दह दह हन हन पच पच उन्मूलय उन्मूलय ॐ ह्रीं ह्रीं हुं फट् ।।

  सामग्री  -

 श्मशान भैरव यंत्र . गुटिका  . भूत केशी जड़ . काली हकीक माला . प्राण प्रतिष्ठा युक्त मंत्र सिद्धि चैतन्य .

विधि –

 उपरोक्त मंत्र का शनिवार या मंगलवार से जप शुरु करे, जप एक सप्ताह मे ३१०० इकत्तीस हजार जप करने के पश्चात सवा सेर सरसों लेकर हवन करें ।। अवश्य शत्रु नाश होगा ।।

शत्रु शमन के लिए

साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदमनहींउठाएगा।

चेतावनी  - साधना प्रयोग किसी योग्य तंत्रिका या गुरु के मार्ग दर्शन मे ही करें .

राजगुरु जी

महाविद्या आश्रम

किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

मोबाइल नं. : - 09958417249

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