ग्रह बाधा निवारण का एक अनूठा उपाय
आप और हम में से शायद कोई ही ऐसा व्यक्ति होगा जो किसी न किसी ग्रह बाधा से पीड़ित नहीं होगा.
ग्रहों के खेल में ही इंसान की पूरी जिंदगी उलझी रह जाती है..
ग्रह बाधा दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय उपलब्ध हैं, कुछ तांत्रिक, कुछ मांत्रिक, और कुछ रत्नों से जुड़े हुए..
लेकिन इन सब से हटकर एक विचित्र ग्रह बाधा निवारण प्रयोग आज दिया जा रहा है जिसका आप सभी लाभ उठा सकते हैं..
ग्रह बाधा को हटाने के लिए एक स्नान विधि बताई जा रही है, जिसके बहुत ही धनातम्क परिणाम प्राप्त हुए हैं.
इस स्नान के लिए निम्नांकित पदार्थों को एक मिटटी की हांडी में रखकर उस हांडी को जल से भर दिया जाता है.
जल भरकर हांडी के मुख को एक ढक्कन से ढँक दिया जाता है. नियमित स्नान के समय इस हांडी में से एक कटोरी जल भर कर के आप अपने स्नान के जल में मिला लें.
हांडी में से जल निकालने के पश्चात उसमे उतना ही बाहरी शुद्ध जल डाल दें.
इस प्रकार ४० दिन तक यह प्रयोग करें.
प्रयोग के दौरान ही अच्छे परिणाम दिखाई देने लगेंगे.
स्नान में प्रयुक्त पदार्थ निम्न हैं.
१- चावल - एक मुट्ठी भर
२- सरसों - एक मुट्ठी भर
३- नागर मोथा - एक मुट्ठी भर
४- सुखा आँवला - एक मुट्ठी भर
५- दूर्वा(दूब घाँस) - २१ नग
६- तुलसी पत्र - २१ नग
७- बेल पत्र - २१ नग (३-३ पर्ण वाले)
८- हल्दी - २ गाँठ
नोट: इन पदार्थों के सड़ने से कभी कभी अत्यधिक दुर्गन्ध आती है. यदि वह असहनीय प्रतीत हो तो संपूर्ण पदार्थ किसी वृक्ष की जद में डालकर पुनः उक्त पदार्थों को उसी हांडी में नए सिरे से ले लें..
ज्यादा ताम झाम न होते हुए यह एक सरल प्रयोग है..
प्रयोग करें और परिणाम बताएँ...
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
08601454449
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
आप और हम में से शायद कोई ही ऐसा व्यक्ति होगा जो किसी न किसी ग्रह बाधा से पीड़ित नहीं होगा.
ग्रहों के खेल में ही इंसान की पूरी जिंदगी उलझी रह जाती है..
ग्रह बाधा दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय उपलब्ध हैं, कुछ तांत्रिक, कुछ मांत्रिक, और कुछ रत्नों से जुड़े हुए..
लेकिन इन सब से हटकर एक विचित्र ग्रह बाधा निवारण प्रयोग आज दिया जा रहा है जिसका आप सभी लाभ उठा सकते हैं..
ग्रह बाधा को हटाने के लिए एक स्नान विधि बताई जा रही है, जिसके बहुत ही धनातम्क परिणाम प्राप्त हुए हैं.
इस स्नान के लिए निम्नांकित पदार्थों को एक मिटटी की हांडी में रखकर उस हांडी को जल से भर दिया जाता है.
जल भरकर हांडी के मुख को एक ढक्कन से ढँक दिया जाता है. नियमित स्नान के समय इस हांडी में से एक कटोरी जल भर कर के आप अपने स्नान के जल में मिला लें.
हांडी में से जल निकालने के पश्चात उसमे उतना ही बाहरी शुद्ध जल डाल दें.
इस प्रकार ४० दिन तक यह प्रयोग करें.
प्रयोग के दौरान ही अच्छे परिणाम दिखाई देने लगेंगे.
स्नान में प्रयुक्त पदार्थ निम्न हैं.
१- चावल - एक मुट्ठी भर
२- सरसों - एक मुट्ठी भर
३- नागर मोथा - एक मुट्ठी भर
४- सुखा आँवला - एक मुट्ठी भर
५- दूर्वा(दूब घाँस) - २१ नग
६- तुलसी पत्र - २१ नग
७- बेल पत्र - २१ नग (३-३ पर्ण वाले)
८- हल्दी - २ गाँठ
नोट: इन पदार्थों के सड़ने से कभी कभी अत्यधिक दुर्गन्ध आती है. यदि वह असहनीय प्रतीत हो तो संपूर्ण पदार्थ किसी वृक्ष की जद में डालकर पुनः उक्त पदार्थों को उसी हांडी में नए सिरे से ले लें..
ज्यादा ताम झाम न होते हुए यह एक सरल प्रयोग है..
प्रयोग करें और परिणाम बताएँ...
राजगुरु जी
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