जिन्न मंत्र साधना ( jin mantra sadhna)
"जिन्न' एक रूप में जादूई शक्तियो में पूर्ण शक्ति का नाम है। यह कभी उन इंसानों के लिए प्रयोग होता है जो मात्र अपनी इच्छा प्रगट करने से अपने जीवन के सभी जरूरी कार्ये को कर सकते है। वह गायब हो सकते है, उड़ सकते हैं, किसी भी जीव या वस्तु का रूप धारण कर सकते है, किसी भी स्थान तक मात्र अपनी इच्छा से पहुच सकते है और किसी भी वस्तु को मात्र अपनी इच्छा प्रगट करने से पा सकते हैं। वह उन सभी कार्यों को जिसे एक इंसान कई सालों की मेहनत से कर पाता है,वह मात्र अपनी इच्छा प्रगट करने से कर सकते हैं।
जिन्न को हक़ है की वो इंसानी दुनिया में दखल-अंदाजी कर सकते है लेकिन इसके लिए उन्हें इंसानो के साथ रिश्ता बनाना पड़ता है।
जिन्नात से इंसान डरते है मगर इसके विपरीत जिन्नात मानवीय आवासों से दूर रहना पसंद करते है। यही वजह है की हमें सुनसान जगहों पर ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए।
जिन्नात भी इंसानी तौर तरीके से रहते है जैसे शादी करना, बच्चे पैदा करना और मरना पर उनकी दुनिया इंसानी दुनिया से अलग है।
जिन्नात अपने असली रूप में बहुत कम दिखते है ज्यादातर वो मानवीय शक्ल इख़्तियार करते है।
इन्सानी वजूद मिट जायेगा मगर " जिन्नात " कायनात के दिन तक अस्तित्व में रहेंगे।
जिन्नात इंसानों को समझने की ताकत रखते हैं , जिन्नात बहुत ही जल्द इंसानों को अपना दोस्त बना लेते हैं । इसलिए साधना के माध्यम से इन्हें सिद्ध किया जाता है ।
जिन्न मंत्र:-
।। बिस्मिल्लाहिरहिमानीरहिम लाइल्ला लिल्लाह मुहम्मद रसूललिल्ला मुसलमानी अबादानी मरीन खाय परनी छोड़ मुस्लमान बहिस्त को खावे हुआ ईदा का रोज असल कर सैयद नहाजा बाबा तोप नगाड़ा बकतर तोप मंगाय दिया प्याले सहायबा सबचल खाये चौकी पे चौकी चली अम्बर हुआ सेत सैयदो से शरीहुई तरवर तारागढ़ के खेत खिगासा घोडा नहीं मीना सामर्द नहीं जिसने सरवार तारागढ़ तोरा अजयपाल सा देव नहीं जिसने चक्कर चलाया मीरा पड़ी नमाज़ वह का वही ठहराया आतिलकुरसी बंद गकुरात घाटे बाढे तुही समान आकाश बांध पाताल बांध बांधे नदी तलाब देह बांध धड को भी बांधे कहा हुये जार मर घटिया मसान हदिया मसान जहिहिया मसान मिरमिया मसान फलकिया मसान कालका ब्रह्मराक्षस की चुडेल (यहां पर कुछ महत्वपूर्ण शब्द गोपनीय रखे जारहे है) तो सूअर काट सुअर की बोटी दांते तारे दबाएगा सतर नाड़ी बहतर कोठा से बांध बांधकर जायेगा तो चमार के छिले और धोबी की नाद मे पड़े चलतों मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फलो मंत्र ईश्वरी वाचा छूँ मंत्र ।।
विधि :-
गुरुवार या शुक्रवार की रात को 10 बजे अपने घर से निकले और मोमबत्ती,धूप,जन्नत-ए-फिरदौस अत्तर और ऋतुफल लेके सुनसान जगह या स्मशान मे जाये । हरे रंग के आसन पर बैठे,आसन के नीचे "जिन्न सिद्धि यंत्र" रखे जिससे जिन्न आपके तरफ आकर्षित होकर प्रत्यक्ष हो सके और "आयतुल कुर्सी युक्त रक्षा कवच" धारण करे,बिना रक्षा कवच के साधना करने के बारे मे ना सोचे अन्यथा स्वयं के हानि के आप स्वयं जिम्मेदार माने जाएंगे अथवा रोज 21 बार आयतुल कुर्सी पढ़कर साधना करे । 242 बार मंत्र का जाप इसमे रोज करना जरूरी है, इस तरह 21 दिन तक जाप करे । इस मंत्र के पीर देवता जिनको जीन्न कहते हे,वो साधक के सामने आकर साधक के सब कार्यो को पूर्णा करेगे परंतु प्रत्यक्ष होते ही साधक मंत्र के देवता से वचन ले ।
साधना दक्षिणा === 1500
पेटियम नम्बर ==9958417249
गूगल पे नम्बर ==== 9958417249
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
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