नवार्ण महामंत्र
नवाक्षरी नवार्ण मंत्र भगवती दुर्गा का प्रसिद्ध महामंत्र है और बिना इस मंत्र के देवी पाठ या देवी से संबंधित कोई भी अनुष्ठान सफल एवं सिद्ध नही हो पाता ।नवार्ण मंत्र अपने आप मे अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभाव युक्त है।
इसे मंत्र और तंत्र मे समान रूप से प्रयोग किया जाता है । इसी क्रम मे नवार्ण महामंत्र सम्पूर्ण महामंत्र है इनके उच्चारण मात्र से ही माई भगवती अतिप्रसन्न होजाती है।
महामंत्र---
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महादुर्गे नवाक्षरी नवदुर्गे नवात्मिके नवचंडी महा माये महा मोहे महा योग निद्रे जये मधु कैटभ विद्राविणि महिषासुर मर्द्दिनि ध्रुम लोचन संहंत्री चंडमुंड विनाशिनी रक्त बीजांत के निशुंभ ध्वसिनि शुंभ दर्पघ्नि देवी अष्टादश बाहुके कपाल खट् वाग शूल खडग् खेटक धारिणि छिन्न मस्तक धारिणि रूधिर मांस भोजिनि समस्त भूत प्रेतादि योग ध्वंसिनि ब्रह्मेन्द्रदि स्तुते देवी मां रक्ष रक्ष मम शत्रुन् नाशय ह्रीं फट् ह्वूं फट् ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चांमुडायै विच्चे।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
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महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
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(रजि.)
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