Tuesday, October 18, 2016

व्यवसाय बंधन मुक्ति कवच [दीपावली विशेष]

आमतौर पर देखा गया है कि एक ही प्रकार के दो प्रतिष्ठान, दुकान या अन्य प्रतिष्ठान, पास-पास होते हुये भी एक का व्यवसाय अच्छा चल रहा होता है, वहीं दूसरे व्यापारी के पास कुछ भी व्यापार नहीं होता।

इसका क्या कारण है? कभी सोचा है आपने? ऐसे मामले में दूसरा व्यापारी अपने व्यापार के लिये पहले व्यापारी की तरह ही ईमानदारी से कार्य करता है, ग्राहक की इज्जत-सम्मान भी करता है, उसके माल में भी कोई कमी नहीं होती फिर भी जहाँ लाभ होना था, वहाँ हानि हो रही है। जिस घर में कभी सुख-शांति रहती थी, वहाँ एकाएक लड़ाई-झगड़े, मार-पीट, रोग-शोक पनप जाते हैं। क्या कारण है इनका? इन सभी का एक मात्र कारण है व्यावसायिक बंधन प्रयोग।

इसका मुख्य कारण है- कभी तांत्रिक लोग अपना कार्य ईमानदारी से लोक-कल्याण की भवना से करते थे, परंतु आज के युग में अनेक नौसिखिये गुरु हो गये हैं, जो बिना सोचे-समझे या फिर किसी लालच में आकर दूसरे की हानि वाले प्रयोग भी सम्पन्न करवा देते हैं। उन प्रयोगों का प्रतिस्पर्धा के कारण कोई-कोई व्यक्ति उपयोग भी कर लेता है। हालांकि ऐसे व्यवसाय बंधन प्रयोग का प्रभाव अधिक समय तक नहीं रहता, परंतु अपने थोड़े समय में ही यह प्रयोग अपना क्रूर प्रभाव दिखाकर सामने वाले व्यापारी को अर्थिक रूप से निर्बल तो कर ही देता है। ऐसे प्रयोगों का प्रभाव नष्ट करने के लिये सफल व्यापारी व्यवसाय बंधन मुक्ति कवच का प्रयोग करते हैं।

राजगुरु जी

महाविद्या आश्रम

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