व्यापार वृद्धि हेतु –
मन्त्र :
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीमेव कुरु-कुरु वांछितमेव ह्रीं ह्रीं नम: ।
यदि व्यापार में बार-बार घाटा हो रहा हो । व्यापार बंद करने की स्थिति आ गई हो । तो इसके प्रयोग से निश्चित लाभ होगा ।
विधि :
श्री गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्ति के पास सात-गोमती चक्र व एक सियार सींगि (प्राण प्रतिष्ठित होनी चाहिये) रखकर इस मंत्र का स्फटिक की माला से एक माला (१०८ बार ) जाप नित्य प्रात: ४१ दिनों तक करें ।
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
08601454449
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
मन्त्र :
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीमेव कुरु-कुरु वांछितमेव ह्रीं ह्रीं नम: ।
यदि व्यापार में बार-बार घाटा हो रहा हो । व्यापार बंद करने की स्थिति आ गई हो । तो इसके प्रयोग से निश्चित लाभ होगा ।
विधि :
श्री गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्ति के पास सात-गोमती चक्र व एक सियार सींगि (प्राण प्रतिष्ठित होनी चाहिये) रखकर इस मंत्र का स्फटिक की माला से एक माला (१०८ बार ) जाप नित्य प्रात: ४१ दिनों तक करें ।
राजगुरु जी
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