Friday, September 30, 2016

व्यापार वृद्धि हेतु –

मन्त्र :

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीमेव कुरु-कुरु वांछितमेव ह्रीं ह्रीं नम: ।

यदि व्यापार में बार-बार घाटा हो रहा हो । व्यापार बंद करने की स्थिति आ गई हो । तो इसके प्रयोग से निश्चित लाभ होगा ।

विधि :

श्री गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्ति के पास सात-गोमती चक्र व एक सियार सींगि (प्राण प्रतिष्ठित होनी चाहिये) रखकर इस मंत्र का स्फटिक की माला से एक माला (१०८ बार ) जाप नित्य प्रात: ४१ दिनों तक करें ।

राजगुरु जी

महाविद्या आश्रम

किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

मोबाइल नं. : - 09958417249

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